रेलवे बजट (Railway Budget) का इतिहास: जानिए उसके पीछे की कहानी

रेलवे बजट(Railway Budget) का इतिहास: जानिए उसके पीछे की कहानी

प्रस्तावना:

रेलवे बजट का इतिहास भारतीय रेलवे के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह निर्णयों का एक संग्रह है जो रेलवे सेवाओं, यात्रा और परिवहन में सुधार के लिए किए जाते हैं।

भारतीय रेलवे बजट (Railway Budget) का अर्थ!​

भारतीय रेलवे बजट भारत सरकार द्वारा रेलवे के लिए आवंटित वित्तीय योजना है। यह बजट रेलवे के संचालन, रखरखाव, नई रेल लाइनों के निर्माण, और अन्य आधुनिकीकरण परियोजनाओं के लिए धन का प्रावधान करता है। यह बजट समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए रोजगार और उन्नति के अवसर प्रदान कर सकता है। केंद्रीय बजट 2023-24 में, भारतीय रेलवे के लिए रिकॉर्ड ब्रेकिंग बजट आवंटन की गई है, जो 2024-25 में ₹3 लाख करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है, यह पिछले वर्ष से 25% की वृद्धि है। इस बजट का उद्देश्य तेज़ ट्रेनों, अपग्रेड स्टेशनों, बेहतर सुरक्षा सुविधाओं और महत्वपूर्ण माल गलियारों के विकास के लिए आधुनिक तकनीकी का उपयोग करना है। इसमें वंदे भारत ट्रेनों की शुरूआत और सुरक्षा प्लान को बढ़ाने के लिए असुरक्षित रेलवे ट्रैकों पर घेराबंदी लगाना शामिल है।

पहला रेलवे बजट: इतिहास की झलक!​

भारतीय रेलवे बजट (Railway Budget) का इतिहास बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण है। अंग्रेजों ने रेल बजट को पहली बार 1924 में पेश करने की परंपरा की शुरूआत की। शुरूआती दौर में रेल बजट भारत के आम बजट का लगभग 70 प्रतिशत हुआ करता था, जो आज लगभग मात्र 14-15 प्रतिशत तक रह गया है। ईस्ट इंडियन रेलवे समिति की सिफारिश पर इस बजट को शुरू किया गया था। देश के स्वतंत्रता के बाद, रेलवे बजट का उपयोग विभिन्न दलों और नेताओं ने अपने लाभ के लिए भी इसे खुब इस्तेमाल किया। भारतीय रेल को 17 जोन क्षेत्रों में बांटा गया है जिसमें प्रत्येक जोन क्षेत्र में कई मंडल हैं। रेलवे बजट ने समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए रोजगार और उन्नति के अवसर प्रदान किए हैं। यह बजट भारतीय रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है।

रेलवे बजट और भारतीय रेलवे का विकास
भारतीय रेलवे का विकास और रेलवे बजट दोनों ही भारत के विकास और प्रगति के महत्वपूर्ण घटक हैं।
भारतीय रेलवे का इतिहास 160 साल से अधिक पुराना है और यह पिछले डेढ़ दशक से देश को परिभाषित कर रहा है। औपनिवेशिक काल में ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई पहली ट्रेन के बाद से भारतीय रेल ने विकास के कई नये-नये आयाम तय किए हैं।
वर्तमान में, भारतीय रेल दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है और यह 18वीं शताब्दी से ही लाखों लोगों को रोजगार देता आ रहा है। भारतीय रेलवे में लगभग 12.27 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, इसके कारण यह दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी व्यावसायिक इकाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय रेल के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत बनाने की दिशा में भारतीय रेल अग्रगणी है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगले कुछ वर्षों में रेलवे का ‘अकल्पनीय कायाकल्प’ दिखाई देगा।

रेलवे बजट और लोकतंत्र!​

भारतीय रेलवे बजट और लोकतंत्र का संबंध बहुत ही महत्वपूर्ण है। रेलवे बजट न केवल रेलवे के विकास और सुधार के लिए धन का प्रावधान करता है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का भी एक अहम हिस्सा है। इसके माध्यम से भारत सरकार जनता के सामने अपनी योजनाओं और प्राथमिकताओं को बजट के माध्यम से प्रस्तुत करती है, और जनता की आवश्यकताओं और मांगों के अनुसार बजट को तैयार करती है।
रेलवे बजट का लोकतंत्र पर प्रभाव इस प्रकार है:
जनता की भागीदारी: रेलवे बजट को तैयार करते समय जनता की राय और सुझावों को शामिल किया जाता है, इससे लोकतंत्र में जनता की भागीदारी सुनिश्चित और मजबूत होती है।
पारदर्शिता: रेलवे बजट को सार्वजनिक रूप से संसद में पेश किया जाता है, जिससे लोकतंत्र में जनता के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ती है।
सामाजिक समावेश: रेलवे बजट में विभिन्न सामाजिक वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए रोजगार और सुधार के अवसरों का प्रावधान किया जाता है, इस प्रकार के नितीगत फैसले से सामाजिक समावेश और विविधता को बढ़ावा मिलता है।
आर्थिक विकास: रेलवे बजट के माध्यम से देश के आर्थिक विकास को गति मिलती है, इसमें नई रेल लाइनों, अधोसंरचना परियोजनाओं और तकनीकी उन्नयन जैसे कार्यों में विशेष रूप से निवेश किया जाता है, जिससे देश में समग्र विकास होता है।
रेलवे बजट समाज के विभिन्न वर्गों के लिए रोजगार और उन्नति के अवसर प्रदान करता है, और इस प्रकार के बजट में विविधता और समावेश को अधिक महत्व दिया जाता है, जिससे लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूती मिलती है और जनता की आवाज को सुनने का एक माध्यम बनता है।

रेल चित्र

रेलवे बजट: भविष्य की दिशा

रेलवे बजट 2023-24 भारतीय रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।

इस बजट में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

पूंजीगत व्यय: रेलवे के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लगभग ₹3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो रेलवे की क्षमता और यात्री अनुभव को सुदृढ़ करने में मदद करेगा। आर्थिक रेलवे कॉरिडोर: तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिसमें ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर; बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारे; और उच्च यातायात घनत्व वाले गलियारे शामिल किए गए हैं। वंदे भारत कोच: 40,000 पारंपरिक रेल बोगियों को ‘वंदे भारत मानकों’ में परिवर्तित करने की योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिससे यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सकेगा। इन क्रियाकलापों से रेलवे की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और 90% तक कार्बनडाईऑक्साइड उत्सर्जन से बचा जा सकेगा जिससे प्रदुषण में कमी आएगी। इस प्रकार के रेलवे बजट देश की अर्थव्यवस्था में कुशल, उत्पादक और टिकाऊ तरीके से बड़ा बदलाव ला सकेगा जिससे देश आर्थिक उन्नति के राह पर आगे बढ़ेगा।

रेलवे बजट का समीक्षा!​

रेलवे बजट 2023-24 की समीक्षा में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। इस बजट में भारतीय रेलवे के लिए लगभग ₹3 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 25% की वृद्धि दर्शाता है1। यह बजट मुख्य रूप से रेलवे के ट्रैक व रेल डिब्बा आधुनिकीकरण, सुरक्षा वृद्धि, स्टेशन नवीनीकरण और महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर केंद्रित है। इस बजट में आधुनिकता, सामाजिक समावेश और विविधता को बढ़ावा देने के लिए अलग -अलग श्रेणियों जैसे स्लीपर कोच एवं एसी कोच आदि में 300-400 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए लगभग दोगुना बजट आवंटित हुआ है, जिससे यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। इस बजट में रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण के प्रयास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है, जो रेलवे सेवाओं को बेहतर बनाएगा और देश को आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा।

रेल बजट

निष्कर्ष:

भारतीय रेलवे बजट 2023-24 की समीक्षा से यह स्पष्ट है कि सरकार रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। इस बजट में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया गया है:पूंजीगत व्यय में वृद्धि से रेलवे की क्षमता और यात्री अनुभव में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा। आर्थिक रेलवे कॉरिडोर के कार्यान्वयन से व्यापार और यातायात की सुविधा में सुखद बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वंदे भारत कोच के परिवर्तन से यात्रियों को आरामदायक और तेज़ यात्रा का सुखद अनुभव करने मिलेगा। इससे रेलवे सेवाओं में सुधार होगा और देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान मिलेगा। इसके अलावा, इस बजट में सामाजिक समावेश और विविधता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न श्रेणियों जैसे स्लीपर एवं एसी कोच में 300-400 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की गई है, जिससे तेज गति के कारण समय की बचत होगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top